#अधूरा_प्यार ✍🏻 बिपिन कुमार चौधरी मेरा उससे कोई रिश्ता नहीं था, फिर भी उसे मेरी बहुत फिक्र थी, अपनी उलझनों का मुझे भी शिकवा नहीं था, वह चिंतित ना हो जाए, इसकी ज्यादा फिक्र थी... दोनों एक दूजे को खूब जानते थे, एक दूसरे की आहट भी पहचानते थे, फिर भी एक अजीब कश्मकश था, छुपाई जाती वह बात जो दूसरा शख़्स जानता था, इसी बात ने दूरियां बढ़ाई थी, इसी दूरी ने गलतफहमियां बढ़ाई थी, रुसवाई का दोनों को बहुत डर था, इसी डर ने दीवार बनाई थी, भारी मन से दोनों विदा हुए थे, जिस पर दिलो जान से फ़िदा हुए थे, अकड़ एक दूजे को खूब दिखाया था, भींगी पलकों को होशियारी से छिपाया था, दिल की नजदीकियां ख़त्म नहीं हुई, वक्त गुजरता रहा, दिल होता रहा जख्मी, लाचारी बेबसी के बीच एक किस्सा दफ़न हो गया, अधूरा रह गया प्यार, दो जिस्मों का जान खो गया ...